संस्कृत वांग्मय के अनुसार, ब्राह्मण कहलाने योग्य व्यक्ति के कुछ लक्षण ये हैं:
1. मन और इंद्रियों को संयम में रखना
2. यज्ञ करना
3. वेदों का अध्ययन करना
4, किसी की चुगली न करना
5. हिंसा न करना
6. अतिथि पूजन करना
7. सच बोलना
8. तप करना
9. दान देना
संस्कृत वांग्मय के अनुसार, ब्राह्मण कहलाने योग्य व्यक्ति के कुछ लक्षण ये हैं:
1. मन और इंद्रियों को संयम में रखना
2. यज्ञ करना
3. वेदों का अध्ययन करना
4, किसी की चुगली न करना
5. हिंसा न करना
6. अतिथि पूजन करना
7. सच बोलना
8. तप करना
9. दान देना
सभी बंधुओं को परमानन्द उपाध्याय का राम राम | श्री आमेटा औदीच्य ब्राह्मण युवा संगठन द्वारा आयोजित इस प्रस्तुति “आपणो संस्कृति” में आप सबका स्वागत करते हैं | आपणो संस्कृति में आज का विषय हैं – जनेऊ
आज के इस प्रस्तुति में हम जानेंगे क्या...
आदरणीय समाज के पदाधिकारिगनों को प्रणाम और जय श्री कृष्ण |
मैं, चेन्नई से स्वर्गीय जगदीश प्रसादजी उपाध्याय (कोडंबाक्कम) का पुत्र परमानन्द उपाध्याय आपको यह...