माह फरवरी का था और एकाएक फ़ोन आता हैं | सामने वाला कहता हैं – क्या परमानन्द ! इस बार होली के लिए क्या कार्यक्रम का आयोजन कर रहा हैं ?! बस और क्या था, झट अपने सहयोगियों से बात हुई और उतर गए कार्य को सिद्ध करने | तिथि हमे ऐसी चाहिए थी जो सभी वर्ग के लिए सुविधाजनक हो और ३० मार्च हमे उपयुक्त लगा | शुक्रवार का दिन और गुरूवार से रविवार तक सरकारी अवकाश, बस और क्या चाहिए था हमे | क्यूंकि हमारा लक्ष्य समाज के युवाओं को प्रभावित करना था हमने अन्य सहयोगियों के साथ होली मिलन कार्यक्रम के लिए रिसोर्ट ढूँढना प्रारंभ किया |
रिसोर्ट में कार्यक्रम के पीछे हमारी मनचाह यह थी कि मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक जागृति भी हो | कई रिसोर्ट देखने के बाद महाबलीपुरम के निकट मंकी मोंक नामक रिसोर्ट को होली मिलन के लिए निश्चय किया |
रिसोर्ट निश्चय करने के बाद अब हमारे पास यह चुनौती थी की होली मिलन के लिए खर्चा कितना तक होगा ? कितने बंधुओं का मेला होगा ? आने-जाने की व्यवस्था कैसे करनी हैं ? भोजन का खर्चा ? इत्यादि | समाधान में, हमने सबसे पहले २५० बेस मेम्बर का टार्गेट निश्चय किया | निश्चय के बाद हम अपने सहयोगी राजेश पालीवाल, राहुल गेलावत, प्रदीप शर्मा, आनंद शर्मा, राजेश जोशी, और मयूर उपाध्याय, के साथ बंधुजनों को एकत्रित करने में जुट गए | अब दुसरी चुनौती थी की खर्चा कैसे निकाले ? हमने यह भार कुछ व्यक्ति के ऊपर ना डालते हुए विचार किया की क्यूँ ना एक शुल्क निर्धारित किया जाय | इससे सभी बंधुजनों का भाग के साथ भाव भी कार्यक्रम के साथ जुड़ेगा | भोजन, गाडी का किराया, और रिसोर्ट के खर्चे का गणित कर प्रत्येक व्यक्ति के लिए ८०० रुपया और दस वर्ष के आयु से नीचे के लिए ५०० रुपया का शुल्क निर्धारित किया | पांच वर्ष के नीचे आयु वाले बालक के लिए कोई शुल्क ना लेना का भी निश्चय किया |
पोन्नेरी, कवरैपेट, गूमडीपूंडी के लिए राजेश पालीवाल, अजीत जोशी, और राजेश जोशी के साथ घर-घर जा बन्धुजनों को न्यौता देने के साथ शुल्क भी लेते गए | दुसरे सप्ताह हम प्रदीप भाई और आनंद भाई के साथ आवड़ी और कामराज नगर एवं मयूर उपाध्याय और राहुल गेलावत के साथ पट्टाभीराम और अन्ना नगर का दौरा किया | शहर का प्रभार हमने स्वयं अपने ऊपर ले लिया | तिथि के निकट आते आते हम अपने लक्ष्य के निकट पहुँच गए |
यातायात के लिए एक स्थान पर गाड़ी करने के बजाय हमने विविध स्थानों पर अलग अलग गाडी किराए पर करा ली ताकि आने और जाने में किसीको किसी तरह की असुविधा ना हो | कुल १३ वैन किराए पर लिया गया | पोन्नेरी कवरैपेट और गूमडीपूंडी से चार वैन, आवड़ी पट्टाभीराम से दो वैन, कार्नाडै से एक वैन, अतिपेट से एक वैन और चेन्नई से पांच वैन किया गया | इस तरह का यातायात सुविधा और संचालन समाज में पहले कभी नहीं हुआ | इतने बड़े कार्य को इतनी सुलभता से सञ्चालन करना एक अप्रतीम चरित्र और संकल्प का परिचय देता हैं | यह हमारे ब्राह्मण युवा संगठन के सहयोगियों कि प्रतिभा का एक अद्भुत उदाहरन के तौर पर हम इसे देखते हैं |
कुछ रोचक बातें :
समाज में पहली बार होली मिलन का आयोजन हुआ जिसमे लगभग ३०० व्यक्ति समाज के बड़े से लेकर बच्चों तक ने भाग लिया |
समाज में पहली बार इतनी बड़े पैमाने में एक सामूहिक मिलन का आयोजन हुआ हैं |
आयोजन में भाग लेने के लिए १३ वैन (19 सीटर वाली) और वो भी अलग अलग क्षेत्रों से करना अपने आप में ही एक अद्भुत कार्य हैं जो आज तक समाज में कभी नहीं हुआ |
युवाओं का इतना बड़ा समूह और वो भी महिलाओं और बच्चों समेत किसी एक स्थान पर एकत्रित होना ब्राह्मण युवा संगठन द्वारा किए जा रहे प्रयासों में एक सबसे बड़ी उपलब्धि और सफलता हैं |
महिलाओं को अपनी बात सामूहिक रूप से रखने का अवसर प्रदान करना भी ब्राह्मण युवा संगठन के प्रयासों का ही परिणाम हैं |
यह हमारा संकल्प और समाज के युवाओं का समर्थन ही था जो ब्राह्मण युवा संगठन विचारों से आगे बढ़ उसे सिद्ध करने में अपार सफलता प्राप्त की |
आशा है आप सबका साथ सदैव यु ही मिलता रहेगा |
होली-मिलन के सभी छायाचित्र इस लिंक पर आप देख सकते हैं |
सभी छायाचित्र हमारे सहयोगी सूरज सान्डिल्य और कौशल उपाध्याय द्वारा लिया गया हैं |
हर बार की तरह इस बार का बही खाता भी इस लेख के साथ हम भेज रहे हैं | लेख में किसी भी प्रकार की त्रुटी हो तो हमे सूचित अवश्य करें |
हर हर महादेव |